
ट्रेन से हर दिन लाखों लोग यात्रा करते हैं, लेकिन शायद ही किसी ने सोचा हो कि जिस पहिये के सहारे यह विशालकाय वाहन दौड़ता है, उसका वास्तविक वजन कितना होता है। ट्रेन के एक पहिये का वजन इतना अधिक होता है कि इसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे।
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सैकड़ों किलोग्राम में होता है वजन
ट्रेन के पहिये का वजन कुछ किलोग्राम नहीं, बल्कि सैकड़ों किलोग्राम होता है। इसका सटीक वजन ट्रेन के प्रकार, यानी यात्री गाड़ी, मालगाड़ी या इंजन, के आधार पर भिन्न होता है। यह भारी-भरकम वजन सुनिश्चित करता है कि ट्रेन पटरियों पर स्थिर और सुरक्षित रूप से चल सके।
भारत में ट्रेन के पहिये कहां बनते हैं
भारत में ट्रेन के पहिये मुख्य रूप से बेंगलुरु (कर्नाटक) की रेल पहिया फैक्ट्री (Rail Wheel Factory – RWF) और बिहार के सारण जिले में बेला के रेल व्हील प्लांट (RWP) में बनते हैं, ये दोनों ही भारतीय रेलवे के लिए पहियों और धुरों की आपूर्ति करते है, इसके अलावा, तमिलनाडु में भी फोर्ज्ड पहियों के लिए नई इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, जिससे भारत इन पहियों का निर्यातक बन सके, बता दें कि, बेंगलुरु की फैक्ट्री एक एकीकृत कारखाना है जो पहिये, धुरी और पूरे व्हील सेट बनाता है और भारतीय रेलवे के लिए महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है।
विभिन्न श्रेणियों के पहियों का वजन
आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले पहियों का औसत वजन इस प्रकार है:
- सामान्य यात्री कोच (ICF) के पहिये: इनका वजन लगभग 384 से 394 किलोग्राम के बीच होता है।
- आधुनिक LHB कोच के पहिये: ये थोड़े हल्के होते हैं, जिनका वजन लगभग 326 किलोग्राम होता है।
- डीजल इंजन के पहिये: इंजन के पहिये अधिक मजबूत होते हैं, जिनका वजन लगभग 528 किलोग्राम होता है।
- इलेक्ट्रिक इंजन के पहिये: ये सबसे भारी माने जाते हैं, जिनका वजन लगभग 554 किलोग्राम तक हो सकता है।
- मालगाड़ी के पहिये: माल ढुलाई के लिए डिज़ाइन किए गए ये पहिये और भी भारी होते हैं, कुछ मामलों में 900 किलोग्राम से भी अधिक वजन के हो सकते हैं।
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सुरक्षा और स्थिरता की गारंटी
पहियों का यह असाधारण वजन उच्च-शक्ति वाले स्टील और विशेष मिश्र धातुओं से बने होने के कारण होता है, भारतीय रेलवे के मानकों के अनुसार, ये पहिये ट्रेन की गति और भार को सहने के लिए विशेष रुप से इंजीनियर किए जाते हैं, जो लंबी दूरी की यात्राओं के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करते हैं।
अगली बार जब आप किसी ट्रेन को स्टेशन से गुजरते हुए देखें, तो याद रखें कि आप सैकड़ों किलोग्राम वजनी इंजीनियरिंग के एक चमत्कार को देख रहे हैं।
















