
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच, उपभोक्ताओं के लिए यह जानना और भी जरुरी हो गया है कि वे अपने वाहन में भरवाए जा रहे ईंधन की पूरी मात्रा और गुणवत्ता प्राप्त कर रहे हैं या नहीं, हाल ही में एक पेट्रोल पंप के पूर्व कर्मचारी ने अंदरुनी जानकारी साझा करते हुए बताया है कि किस तरह ग्राहकों को ठगा जाता है, और दो सरल उपायों से इन घोटालों से कैसे बचा जा सकता है।
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उपभोक्ता का ध्यान भटकाना
कर्मचारी ने बताया कि आम तौर पर पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों को भ्रमित कर या उनका ध्यान भटकाकर कम ईंधन दिया जाता है। इस ‘स्कैम’ से बचने के लिए उन्होंने दो मुख्य सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
‘जीरो’ मीटर सुनिश्चित करें
यह सबसे बुनियादी लेकिन सबसे प्रभावी बचाव है। जब आप अपनी गाड़ी रोकते हैं और कर्मचारी को ईंधन भरने के लिए कहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी नज़रों के सामने डिस्पेंसिंग मशीन का मीटर शून्य (0.00) पर रीसेट हो चुका हो।
- कई बार कर्मचारी जल्दबाजी का बहाना करके या आपसे बात करते हुए मीटर को ‘जंप’ करा देते हैं, यानी बिना शून्य पर लाए ही भरना शुरु कर देते हैं, इससे शुरुआती कुछ मात्रा का ईंधन आपके टैंक में नहीं आता और पैसा मशीन में पहले से ही दर्ज राशि के हिसाब से कट जाता है।
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ईंधन की डेंसिटी जांचें
यह उपाय ईंधन की मात्रा से कहीं अधिक उसकी गुणवत्ता और शुद्धता सुनिश्चित करता है।
- कई पंपों पर पेट्रोल या डीज़ल में मिलावट की जाती है, जिससे माइलेज कम मिलता है और इंजन को नुकसान होता है।
- देश के सभी पेट्रोल पंपों के लिए यह अनिवार्य है कि उनके पास डेंसिटी मापने वाला मीटर हो। आप कर्मचारी से ईंधन की डेंसिटी चेक करने के लिए कह सकते हैं। पेट्रोल की मानक डेंसिटी 730 से 770 किग्रा/घन मीटर और डीज़ल की 830 से 860 किग्रा/घन मीटर के बीच होनी चाहिए। यदि यह रेंज में है, तो ईंधन शुद्ध है।
अन्य महत्वपूर्ण सावधानियां
इन दो मुख्य ट्रिक्स के अलावा, निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखें:
- ईंधन भरते समय गाड़ी में बैठे रहने के बजाय बाहर निकलें और मीटर पर नज़र रखें।
- ₹100, ₹500, या ₹1000 जैसी गोल रकम के बजाय ₹110, ₹520 जैसी विषम राशि में पेट्रोल-डीजल भरवाएं। गोल रकम पर मशीनें टैम्पर (छेड़छाड़) की हुई हो सकती हैं।
- बिल या रसीद हमेशा लें, यह आपके पास खरीद का कानूनी प्रमाण होता है।
उपभोक्ता इन सरल लेकिन प्रभावी उपायों को अपनाकर पेट्रोल पंप पर होने वाले घोटालों से बच सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें अपने पैसे का पूरा मूल्य मिले।
















