पशुपालन करने वाले किसानों के लिए चारा कटाई मशीन एक क्रांतिकारी उपकरण साबित हो रही है। यह मशीन हरी घास, भूसा या सूखा चारा तेजी से बारीक काटकर पशुओं के लिए पौष्टिक आहार तैयार करती है। सरकारी योजना के तहत इसकी खरीद पर भारी छूट मिल रही है, जिससे छोटे किसान भी आसानी से इसे अपना सकें। इससे दूध उत्पादन बढ़ता है और मेहनत कम होती है।

योजना की खासियतें
यह सब्सिडी योजना लघु, सीमांत किसानों और पशुपालकों को प्राथमिकता देती है। मशीन की बाजार कीमत 7 से 10 हजार रुपये के बीच होती है, लेकिन छूट के बाद यह सिर्फ 3 से 5 हजार में मिल जाती है। छोटे किसानों को 55 प्रतिशत तक की छूट का लाभ होता है, जबकि सामान्य वर्ग को 45 प्रतिशत। इससे पशु चारा बेहतर पचता है, जिसका असर दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर पड़ता है। मशीन इलेक्ट्रिक या डीजल से चलती है, जो खेत में आसानी से इस्तेमाल की जा सकती है।
लाभार्थी कौन बन सकते हैं?
सभी पात्र किसान इस योजना का फायदा उठा सकते हैं, खासकर जिनके पास 2-5 पशु हैं। एससी-एसटी समुदाय, महिलाएं और युवा किसान अतिरिक्त प्रोत्साहन पाते हैं। जरूरी शर्तें सरल हैं: किसान का पंजीकरण होना चाहिए, जमीन का मालिकाना हक साबित हो और पिछले कुछ वर्षों में इसी तरह की सब्सिडी न ली हो। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, क्योंकि पशुपालन आय का बड़ा स्रोत बन जाता है।
आवेदन की आसान प्रक्रिया
ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, जमाबंदी रसीद और मशीन का कोटेशन अपलोड करें। स्थानीय ई-मित्र या कृषि कार्यालय में भी मदद मिलती है। आवेदन लॉटरी सिस्टम से चुने जाते हैं, इसलिए जल्दी करें। चयनित किसानों को डिमांड ड्राफ्ट जमा कर मशीन डिलीवर हो जाती है। प्रक्रिया पारदर्शी है और कुछ ही दिनों में पूरी हो जाती है।
यह योजना किसानों को आधुनिक कृषि की ओर ले जा रही है। तुरंत आवेदन भरें, क्योंकि सीटें सीमित हैं। बेहतर चारा से पशु स्वस्थ रहेंगे और खेती-बाड़ी में मुनाफा बढ़ेगा। ग्रामीण भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।
















