
राजस्थान में बिजली चोरी करने वालों की मुश्किलें अब तेजी से बढ़ने लगी हैं। राज्य सरकार और बिजली निगम ने संयुक्त रूप से एक विशेष अभियान चलाते हुए कई जगहों पर छापेमारी की, जिसमें कई उपभोक्ताओं के घरों से सीधे तार जोड़कर बिजली खपत करने और मीटर में हेरफेर के गंभीर मामले सामने आए। इस कार्रवाई के तहत दोषियों पर लाखों रुपये के जुर्माने लगाए गए और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है।
देर रात चला अभियान, बेनकाब हुए कई कनेक्शन
शनिवार की देर रात प्रदेश के डीग और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विजिलेंस टीमों ने एक साथ कार्रवाई की। टीमों ने घर‑घर जाकर बिजली कनेक्शन और मीटर की जांच की। जांच के दौरान कुछ घरों में सीधे लाइन से बिजली खपत होती पाई गई, जबकि कई जगह मीटर को बाईपास कर बिजली चोरी की जा रही थी।
अधिकारियों के अनुसार, चोरी की गई बिजली से भारी उपकरण जैसे एसी, वॉशिंग मशीन और कूलर तक चलाए जा रहे थे। इससे विभाग को करोड़ों का नुकसान पहुंच रहा था और सामान्य उपभोक्ताओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही थी।
दस गांवों में एक साथ हुई छापेमारी
अभियान के दौरान चार अलग-अलग टीमों को तैनात किया गया, जिन्होंने डीग शहर के अलावा आसपास के जनूथर, खोह, भियाड़ी, सामई और चुल्हैरा जैसे गांवों में भी छापे मारे। जहां‑जहां अवैध तार और डायरेक्ट कनेक्शन पाए गए, उन्हें मौके पर ही हटाया गया। बिजली विभाग ने कई मीटर भी जब्त किए और संबंधित उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किए।
सरकारी सख्ती से बढ़ी सर्तकता
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अब किसी भी व्यक्ति को बिजली चोरी में लिप्त पाए जाने पर सख्त सजा दी जाएगी। बिजली चोरी न केवल आर्थिक नुकसान करती है बल्कि यह अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें जुर्माने के साथ जेल तक की सजा भी हो सकती है। विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में होने वाली ऐसी गतिविधियों की शिकायत तुरंत करें।
पारदर्शी सिस्टम की ओर कदम
राज्य सरकार अब बिजली वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने पर जोर दे रही है। इसके तहत स्मार्ट मीटरिंग, एआई आधारित निगरानी सिस्टम और रियल‑टाइम मीटर रीडिंग जैसी आधुनिक तकनीकों को लागू किया जा रहा है। उद्देश्य स्पष्ट है — ईमानदार उपभोक्ताओं की सुरक्षा और चोरी करने वालों पर नकेल।
अधिकारियों का कहना है कि आने वाले महीनों में ऐसे अभियान और अधिक व्यापक स्तर पर चलाए जाएंगे ताकि राज्य भर में बिजली चोरी पर पूरी तरह नियंत्रण स्थापित किया जा सके।
















