
सरकारी दस्तावेज बनवाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है। केंद्र और राज्य सरकारों के डिजिटलीकरण के प्रयासों के चलते अब ‘निवास प्रमाण पत्र’ (Domicile Certificate) बनवाना पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज हो गया है, कई राज्यों में यह सुविधा इतनी सुलभ हो गई है कि ऑनलाइन आवेदन की पूरी प्रक्रिया “मिनटों” में पूरी की जा सकती है और प्रमाण पत्र कुछ ही दिनों में जारी हो जाता है।
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निवास प्रमाण पत्र
राज्यों ने ई-डिस्ट्रिक्ट (e-District) और ई-साथी (e-Sathi) जैसे समर्पित पोर्टल लॉन्च किए हैं, जिनके माध्यम से नागरिक घर बैठे आवेदन कर सकते हैं।
मुख्य चरण:
- सबसे पहले अपने राज्य के आधिकारिक ई-डिस्ट्रिक्ट या नागरिक सेवा पोर्टल (जैसे ई-साथी, उत्तर प्रदेश) पर जाकर ‘सिटीजन लॉगिन’ के तहत नया रजिस्ट्रेशन करना होता है।
- लॉगिन के बाद ‘निवास प्रमाण पत्र’ के विकल्प का चयन करें। यहाँ मांगी गई सभी जानकारी, जैसे नाम, पता, जन्मतिथि, और निवास का कारण, सावधानीपूर्वक भरें।
- यह प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की गई प्रतियां (PDF/JPEG फॉर्मेट में) अपलोड करनी होती हैं।
- सामान्यतः एक मामूली आवेदन शुल्क (लगभग ₹10-₹20) ऑनलाइन माध्यमों (नेट बैंकिंग, यूपीआई) से जमा करना होता है।
- आवेदन सबमिट करने के बाद एक रसीद मिलती है। इसी रसीद नंबर से आवेदन की स्थिति ट्रैक की जा सकती है। सत्यापन के बाद, प्रमाण पत्र पोर्टल पर ही डाउनलोड के लिए उपलब्ध हो जाता है।
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आवश्यक दस्तावेज़ों की पूरी सूची
आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की स्कैन कॉपी अपने पास रखना अनिवार्य है:
- आधार कार्ड (सर्वप्रमुख), वोटर आईडी कार्ड, या पैन कार्ड।
- राशन कार्ड, बिजली का बिल, पानी का बिल, या संपत्ति कर की रसीद।
- एक निर्धारित प्रारूप में स्वयं द्वारा प्रमाणित घोषणा पत्र।
- स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (टीसी) जिसमें जन्मस्थान और निवास का पता दर्ज हो।
- आवेदक की हाल ही की पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो।
कुछ राज्यों में, आपको एक शपथ पत्र भी जमा करना पड़ सकता है।
यह नई व्यवस्था न केवल समय बचाती है, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करती है। नागरिक अब सरकारी सेवाओं का लाभ न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ उठा सकते हैं।
















