प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ने पारंपरिक कारीगरों के लिए एक नया दौर शुरू कर दिया है। हाल ही में ट्रेनिंग सेंटर्स की अपडेटेड लिस्ट जारी होने से लाखों शिल्पकारों को आधुनिक कौशल हासिल करने का अवसर मिला है। यह योजना बढ़ई, दर्जी, लोहार, सुनार जैसे 18 पारंपरिक व्यवसायों को मजबूत बनाने पर केंद्रित है, जहां मुफ्त प्रशिक्षण, उपकरण किट और आर्थिक मदद दी जाती है।

योजना के मुख्य लाभ
योजना में पहले चरण का बेसिक ट्रेनिंग 5 दिन का होता है, जो कौशल को अपडेट करने पर फोकस करता है। उसके बाद एडवांस ट्रेनिंग 15 दिनों की मिलती है, जिसमें डिजाइन और मार्केटिंग की नई तकनीकें सिखाई जाती हैं। सफल उम्मीदवारों को ई-विनिंग प्रमाणपत्र मिलता है, साथ ही पहले वर्ष 15,000 रुपये तक की सहायता। कुल मिलाकर, यह कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने का सशक्त माध्यम है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
ट्रेनिंग सेंटर्स का देशव्यापी विस्तार
पूरे भारत में 15,000 से अधिक ट्रेनिंग सेंटर्स फैले हुए हैं, जो हर राज्य और जिले तक पहुंच बना रहे हैं। बड़े राज्यों में सेंटर्स की संख्या सबसे ज्यादा है, जबकि छोटे क्षेत्रों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। यह सुनिश्चित करता है कि दूरदराज के कारीगर भी आसानी से प्रशिक्षण ले सकें। स्थानीय स्तर पर इन सेंटर्स में आधुनिक मशीनें और विशेषज्ञ ट्रेनर उपलब्ध हैं।
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आसपास के सेंटर कैसे खोजें?
ट्रेनिंग सेंटर ढूंढना अब बहुत सरल है। आधिकारिक पोर्टल पर लॉगिन करें, अपना राज्य और जिला चुनें। ट्रेड का चयन करने के बाद पूरी लिस्ट स्क्रीन पर आ जाएगी, जिसमें सेंटर का नाम, पूरा पता, संपर्क नंबर और ईमेल शामिल होता है। अगर कोई सेंटर पास न हो, तो नजदीकी विकल्प भी सुझाए जाते हैं। जल्दी आवेदन करें, क्योंकि सीटें सीमित हैं।
प्रमुख राज्यों में सेंटर्स की गिनती
| राज्य | सेंटर्स की संख्या |
|---|---|
| कर्नाटक | 1,950+ |
| मध्य प्रदेश | 1,850+ |
| उत्तर प्रदेश | 1,450+ |
| महाराष्ट्र | 1,400+ |
| राजस्थान | 1,350+ |
यह योजना न केवल कौशल बढ़ाती है, बल्कि बाजार से जोड़ती भी है। कारीगर अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपने उत्पाद बेच सकते हैं। सरकार का लक्ष्य 2030 तक करोड़ों कारीगरों को सशक्त बनाना है। अगर आप योग्य हैं, तो आज ही रजिस्ट्रेशन कराएं और अपने व्यवसाय को नई दिशा दें। अवसर हाथ से न जाने दें!
















